Wednesday, May 20, 2009

53 ट्रेनों का ठहराव, 15 हजार यात्री पर कर्मचारी सिर्फ एक

एक कहावत है कि ऊंट के मुंह में जीरा अर्थात जरूरत ज्यादा की और हाथ आया केवल तिनका। कुछ ऐसा ही हाल है विवेक विहार रेलवे स्टेशन का। कहने को तो विवेक विहार रेलवे स्टेशन को बने हुए 32 वर्ष बीत चुके हैं, मगर जब बात यहां के संसाधनों और सुविधाओं की बात आती है तो वे न के बराबर ही हैं। विवेक विहार रेलवे स्टेशन पर इस समय 53 गाडि़यों का ठहराव है और रोजाना 15 हजार के करीब यात्री इस रेलवे स्टेशन से अपने विभिन्न गंतव्यों पर जाते हैं। इतने लोगों को टिकट व पास की सुविधा मुहैया कराने के लिए रेलवे प्रशासन ने यहां पर सिर्फ एक ही कर्मचारी रख छोड़ा है। यही कर्मचारी रेलवे स्टेशन पर टिकट भी काटता है और यहां से गुजरने वाली ट्रेनों को हरी व लाल झंडी दिखाने का काम भी करता है। ऐसे में लोगों को रोजाना पेश आने वाली परेशानियों का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि विवेक विहार रेलवे स्टेशन को वर्ष 1976 में रेल यात्रियों की पुरजोर मांग पर बनाया गया था। उस समय लोगों को तनिक भी अनुमान नहीं था कि एक दिन यही रेलवे स्टेशन खामियों के चलते उनकी परेशानियों का कारण भी बन जाएगा। उस समय यहां पर चार कर्मचारियों की तैनाती की गई थी, जोकि धीरे-धीरे घट कर आज मात्र एक कर्मचारी रह गया है। इस समय विवेक विहार रेलवे स्टेशन पर एक ही कर्मचारी है, जो यहां पर प्रतिदिन आने वाले करीब 15 हजार यात्रियों के लिए टिकट काटने व पास बनाने तक के सभी काम करता है। इतना ही नहीं, जब कोई विशेष ट्रेन विवेक विहार रेलवे स्टेशन से गुजरती है तो स्टेशन पर तैनात यह एक मात्र कर्मचारी ही अपने बाकी सभी काम छोड़ कर ट्रेन को सिग्नल के अनुसार हरी या लाल झंडी दिखाकर संदेश प्रसारित करता है।
इससे रोजाना यहां पर टिकट के लिए लोगों की लंबी लाइनें लगती हैं। इतना ही नहीं, ऐसे में लोगों के बीच धक्का-मुक्की व मारपीट आम बात हो गई है। यहां इस समय न तो कोई सफाई कर्मी है और न ही सुरक्षाकर्मी। इससे यहां अराजक तत्वों का बोलबाला रहता है। अपनी सुविधा को लेकर रेलयात्री दर्जनों बार रेल अधिकारियों को सूचित कर चुके हैं, मगर अधिकारियों के कानों पर कभी जूं तक न रेंगी।
इस बारे में दैनिक यात्री संघ के संस्थापक एमबी दुबे बिजनौरी ने बताया कि विवेक विहार रेलवे स्टेशन को बने 32 वर्ष बीत चुके हैं, मगर हर साल यहां पर सुविधाएं बढ़ाने की बजाए रेलवे प्रशासन घटाता ही चला जा रहा है। उन्होंने कहा कि दैनिक यात्री संघ पिछले पांच साल से विवेक विहार रेलवे स्टेशन पर रेल कर्मचारियों की संख्या और सुविधाएं बढ़ाने की मांग कर रहा है, मगर कोई ध्यान रेल प्रशासन ने नहीं दिया।
इस बारे में रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अमर सिंह नेगी ने बताया कि सभी छोटे रेलवे स्टेशनों पर टिकट काटने का ठेका रेलवे द्वारा ठेकेदारों को दिया गया है। वे खुद पूरी व्यवस्था यात्रियों के लिए करते हैं। फिर भी अगर दैनिक यात्री ज्यादा परेशान हैं तो वे सीधे डीआरएम से मिलकर अपनी बात रखें और उन्हें अपनी समस्या बताएं। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए जल्द ही उचित प्रयास किए जाएंगे।

No comments: