Saturday, March 28, 2009

पहचान-पत्र नया, डाटा पुराना, परिणाम गलतियां

सर्जरी से किसी महिला या पुरुष का सेक्स बदलने की खबरें आपने अवश्य सुनी होंगी, पर क्या कभी यह सुना है कि किसी महिला का पति उसका पिता बन जाए! नहीं न? लेकिन इसे हकीकत में बदलने का कारनामा कर दिखाया है, चुनाव आयोग ने। मतदाता पहचान पत्र में विश्वास पार्क की एक महिला का न सिर्फ लिंग गलत छपा है, बल्कि उस के पति को उसका पिता बता दिया गया है। पहचान पत्र में खामियों का यह अकेला मामला नहीं है। सूत्रों के अनुसार नए बनकर आ रहे 20 प्रतिशत मतदाता पहचान पत्रों में ऐसी गलतियां पाई जा रही हैं। इसके एक नहीं कई कारण हैं। 'डाटा' एंट्री करने वाले कर्मचारियों से जहां कम वेतन में 12-12 घंटे काम लिया जा रहा है। वहीं पहचान पत्र बनाने के लिए पुराने 'डाटा' का इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसकी वजह से भी गलतियां हो रही हैं। इस डाटा सिस्टम में सिर्फ अंग्रेजी में ही नाम व पता लिखा जाता है। जिसको डाटा स्वयं हिन्दी में रूपांतरित कर लेता है। अंग्रेजी में टी, आर, डी जैसे कई शब्द हैं, जिनका इस्तेमाल हिन्दी में एक से अधिक शब्दों को लिखने में किया जाता है। यही कारण है कि नामों की वर्तनी गलत हो रही है। जानकारी के अनुसार राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने 4 बार मतदाता पहचान पत्र बनवाया, लेकिन हर बार पहचान पत्र में गलतियां पाई गई।
दूसरा कारण यह भी बताया जा रहा कि डाटा एंट्री करने वाले कर्मचारियों से 12 घंटे काम लिया जा रहा है, जबकि उन्हें वेतन के रूप में मात्र 28 सौ रुपये ही दिए जा रहे हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि इतने कम वेतन में काम करने वाले कर्मचारियों की योग्यता क्या होगी? इन वजहों से मतदाता पहचान पत्र बनवाने वाले सीमा जैसे नागरिकों को परेशान होना पड़ रहा है। सीमा ने बताया कि उनके मतदाता पहचान पत्र पर उनके पिता का नाम रमन लिखा गया है, जबकि रमन उनके पति का नाम है, जिनका स्वर्गवास हो चुका है। यही नहीं पहचान पत्र में लिंग संबंधी गलती भी है। स्थानीय निवासी केटी. शर्मा कहते हैं कि मतदाता पहचान पत्र में ऐसी गलतियों से लोग तो परेशान होते ही हैं, सरकार का धन भी बर्बाद हो रहा है, इस संबंध में जब चुनाव एसडीएम से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार किया।

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