Sunday, March 22, 2009
अदालतों में हिंदी में जारी होंगे परिपत्र
सरकारी विभागों में हिंदी को प्रोत्साहित करने की मुहिम का सकारात्मक परिणाम अब यहां की जिला अदालतों में भी दिखने लगेगा। कड़कड़डूमा, तीसहजारी, पटियाला हाउस, रोहिणी और द्वारका कोर्ट स्थित सभी 9 जिला अदालतों में न्यायिक अधिकारियों को राजभाषा अधिनियम के अनुसार कार्य करना होगा। इसके तहत उन्हें सभी परिपत्र (सर्कुलर) एवं सूचनाएं अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी जारी करने होंगे। इसे जिला अदालतों में कार्यरत न्यायिक अधिकारियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।इस संबंध में तीसहजारी कोर्ट स्थित मुख्य जिला जज की ओर से जिला अदालतों के न्यायिक अधिकारियों को दो अलग-अलग परिपत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। पहले में कहा गया है कि राजभाषा अधिनियम के तहत सभी परिपत्र एवं सूचनाएं अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी जारी किए जाने चाहिए। यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि आदेश के पालन में किसी प्रकार की ढील न बरती जाए। दूसरे परिपत्र में न्यायिक अधिकारियों एवं अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अधीनस्थ कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय सूचना अर्थात सीआर रिपोर्ट भरते समय हिंदी भाषा के ज्ञान एवं प्रयोग के कॉलम को निश्चित तौर पर भरें। इसके अतिरिक्त सूचित करें कि जो भी कर्मचारी सरकारी कामकाज में हिंदी भाषा का अधिक प्रयोग करेगा, उसे विशेष योग्यता का दर्जा दिया जाएगा। इस संदर्भ में न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का कहना है कि हिंदी भाषा के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा। कोर्ट कर्मचारियों ने कम्प्यूटर में हिंदी भाषा का साफ्टवेयर डाउनलोड कराने की गुजारिश कोर्ट प्रशासन से की है।
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2 comments:
hindi ko badhawa dene ke liye ye prayas sarahniye hai
एक ओर हिन्दी को राजभाषा के रूप मे बढावा दिया ज रहा है और एक ओर नवभारत टाइम्स जैसे अखबारों में हिन्दी की दुर्दशा के बारे में पढ़ा - http://anuvaadkiduniya.blogspot.com/2009/03/blog-post.html और यहाँ भी -
http://anuvaadkiduniya.blogspot.com/2009/03/2.html
एक पत्रकार की प्रतिक्रिया जानना चाहुँगी।
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