मां ममता की प्रतिमूर्ति कही जाती है, लेकिन सभी मां एक समान नहीं होती। इनमें से कुछ कलियुगी भी निकल जाती हैं जो अपने जिगर के टुकड़े को जन्म देने के बाद बच्चे को उसके हाल पर ही छोड़ जाती है। ऐसा ही एक वाकया यहां चार साल पहले हुआ था, जब दो माह की बच्ची से मां ने हमेशा के लिए नाता तोड़ लिया था। उक्त बच्ची को भले ही कलियुगी मां ने छोड़ दिया, किंतु एक माली ने अनूठा उदाहरण देते हुए इस बच्ची को पाला। वर्तमान में आर्थिक हालात खराब होने और नियति द्वारा परीक्षा लिए जाने के चलते बच्ची के इलाज के लिए उसने आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
बच्ची का लालन-पालन करने वाले भरत गुप्ता ने बताया कि वे पिछले तीन दशक से अंबाला में रह रहे हैं। एयरफोर्स सर्वेंट क्वार्टर में रह रहे गुप्ता का कहना है कि चार साल पहले एक महिला ने दो माह की बच्ची उनको दी थी। उक्त महिला इस बच्ची को छोड़कर दूसरे व्यक्ति के साथ चली गई। गुप्ता बताते हैं कि किसी भी किस्म की कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए उन्होंने इस महिला से शपथ पत्र आदि भी लिया था। उन्होंने बताया कि दो बेटे होने के चलते उन्होंने उक्त कन्या को पालने का फैसला किया था। चार साल तक ठीक रहने वाली राधिका का पिछले कुछ समय पहले घुटने में इंफेक्शन आदि की तकलीफ हुई थी। इसके बाद से ही उसका अस्पताल में उपचार चल रहा है। बच्ची का पैर ठीक नहीं होने के चलते भरत गुप्ता काफी परेशान हैं। उनका कहना है कि बच्ची का सही तरीके से उपचार कराने के लिए उन्हें मदद की जरूरत है। मूल रूप से यूपी के मैनपुरी के रहने वाले गुप्ता ने बताया कि राधिका के दाएं घुटने में परेशानी हो गई है। उन्होंने बताया कि बच्ची का उपचार ठीक तरह हो और वह अपने पैरों पर खड़ी हो इसके लिए वे कुछ लोगों से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उन्होंने इस बारे में अपना मोबाइल नंबर 9996458123 भी दिया है, जिस पर संपर्क किया जा सकता है।
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