Friday, April 24, 2009

दो रोटी को तरसते थे, अब मिल रहा भरपेट खाना

'बेटा पहले तो दो जून की रोटी जुटा पाना मुश्किल हो रहा था लेकिन अब भरपेट भोजन मिल रहा है। भगवान करे चुनाव बार-बार आए ताकि उन्हें भूखे नहीं सोना पड़े।' एक चुनावी कार्यालय से बाहर निकले 60 वर्षीय दुलीचंद ने यही कहा। दुलीचंद ही क्या सैकड़ों लोग ऐसे हैं जो प्रत्याशियों को आशीर्वाद देते नहीं थक रहे हैं। इसकी वजह है चुनावी कार्यालय में चल रहे लंगर। चुनाव नजदीक आते ही निम्न श्रेणी के लोगों की मौज आ गई। पहले जहां दो रोटी के लिए मशक्कत करना पड़ता था, अब चुनावी कार्यालयों भरपेट खाना मिल रहा है।
उत्तर पूर्वी सीट में कांग्रेस, भाजपा, बसपा आदि पार्टियों के प्रत्याशियों के चुनावी कार्यालय काफी बड़े हैं। इनमें सैकड़ों लोगों के बैठने की व्यवस्था है। कार्यकर्ताओं को किसी तरह की कमी न हो, इसका प्रत्याशियों ने बखूबी ख्याल रखा है। कार्यालयों में सुबह के नाश्ते से लेकर रात्रि भोज तक की उत्तम व्यवस्था है। यहां दिन भर लंगर चलते हैं। कार्यकर्ताओं के साथ भीड़ बढ़ाने आए लोगों को भी भोजन मिल रहा है। सीमापुरी, नंद नगरी, वेलकम, मुस्तफाबाद, शास्त्री पार्क आदि इलाकों में रहने वाले निम्न श्रेणी के लोग भी इसका फायदा उठा रहे हैं। कुछ घंटे प्रत्याशी की जयकार लगाने के एवज में उन्हें अच्छा खाना मिल रहा है। कभी दाल-चावल तो कभी कढ़ी व पनीर जैसे व्यंजन खाने के लिए लोग चुनावी कार्यालय तक पहुंच रहे हैं। हालांकि इससे प्रत्याशियों को वोट देने वालों में कितना इजाफा होगा ये मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन खाना मिलने के कारण प्रत्याशियों के कार्यालयों में हमेशा भीड़ लगी रहती है।

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