दो जगहों से मतदाता पहचानपत्र बनवाने वालों के खिलाफ चुनाव आयोग की सख्ती का असर दिखाई पड़ने लगा है। पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र और उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में पिछले एक माह के दौरान हजारों लोगों ने अपने नाम मतदाता सूची से हटवाने के लिए आवेदनपत्र दाखिल किए हैं। उधर, चुनाव आयोग ने दूसरे राज्यों से सटे दिल्ली के इलाकों में रहने वालों के मतदाता पहचानपत्रों की जांच के निर्देश चुनाव अधिकारियों को दे दिए हैं।
इसी का असर है कि पिछले एक माह के दौरान पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र एवं उत्तर पूर्वी संसदीय क्षेत्र में साढ़े 5 हजार लोगों ने अपना नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए आवेदन किया। इनमें से 2500 आवेदन उत्तर पूर्वी संसदीय क्षेत्र से और तीन हजार आवेदन पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त इन दोनों संसदीय क्षेत्रों के 10 हजार से अधिक लोगों ने मतदाता पहचानपत्र में अपना पता बदलवाने के लिए आवेदन किया है।
एक चुनाव अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के जिन क्षेत्रों में मतदाता सूची की जांच की जानी है, उनका विवरण पहले से ही तैयार कर लिया गया है। इनमें गोकलपुरी विधानसभा और सीमापुरी क्षेत्र के मतदाता सूची की विशेष रूप से जांच की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों गोकलपुरी विधानसभा में उत्तर प्रदेश के निवासियों द्वारा बनवाए गए दिल्ली के मतदाता पहचानपत्रों को रद किया गया है। पूर्वी जिला के चुनाव अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग की हिदायत के अनुसार अगर किसी के पास दो स्थानों के मतदाता पहचान पत्र मिलते हैं तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उक्त मामले में अधिकतम तीन साल कैद की सजा या जुर्माने का प्रावधान है।
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