देशी शराब पीने वाले लोगों को अब शौकीन ब्रांड की शराब चखने के लिए तरसना पड़ेगा। राजधानी में शराब माफियाओं पर शिकंजा कसने व अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने नई योजना तैयार कर ली है। पहले प्रयास में वित्त एवं आबकारी मंत्री डॉ. एके वालिया ने शौकीन ब्रांड की देशी शराब की बिक्री पर रोक लगा दी है। आबकारी विभाग ने देशी शराब बिक्री वाले 87 केंद्रों से बड़ी संख्या में नमूने लिए और प्रयोगशाला में जांच कराई। सभी नमूने तकनीकी आधार पर सही पाए गए, लेकिन शौकीन नामक ब्रांड की देशी शराब में मिलावट को देखते हुए इसे सभी केंद्रों से हटा लिया गया है। अवैध शराब में मिथाइल एल्कोहल की मात्रा स्वीकृत मात्रा से अधिक थी, जिस कारण पिछले दिनों लोगों की जानें गईं।
वित्तमंत्री डा ए के वालिया ने लोगों को विश्वास दिलाया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली विधानसभा से नए आबकारी विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद अवैध शराब की बिक्री पर नियंत्रण पा लिया जाएगा। विधेयक में दिए गए मसौदे में मौत की सजा और आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है। दिल्ली सरकार शराब की बोतलों पर होलोग्राम लगवाएगी जिससे नकली शराब की बिक्री पर अंकुश लग सकेगा। वहीं, पड़ोसी राज्यों से तस्करी से लाई गई शराब पर भी रोक लगाई जा सकेगी। मुख्य सचिव राकेश मेहता की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस नई योजना को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। इस कार्य योजना में अवैध शराब के स्त्रोत की पहचान और पड़ोसी राज्यों में ऐसी शराब की कीमत दिल्ली से अधिक होने के कारण राजधानी में इसकी बिक्री की वजह पता लगाना, आबकारी विभाग के प्रवर्तन कर्मचारियों की तैनाती ताकि बिक्री केंद्रों की अच्छी तरह चेकिंग की जा सके, विभाग के नियंत्रण कक्ष को 24 घंटे चालू रखा जा सके, समुचित बार कोड सिस्टम लागू करना जिससे काउंटर से बोतलों तक की बिक्री की संख्या और बिक्री केंद्र से अधिकृत बिक्री की संख्या में गड़बड़ी का पता लगाया जा सके। इसके अलावा पुलिस विभाग और आबकारी विभाग के बीच खुफिया सूचना का आदान प्रदान और अनधिकृत कालोनियों व झुग्गी झोपडि़यों में बनी बस्तियों में देशी शराब की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अधिकृत बिक्री केंद्रों का दायरा बढ़ाना शामिल है। गौरतलब है कि 1 अप्रैल 09 से आबकारी विभाग के आदेश पर लीची नंबर एक ब्रांड की बिक्री पर प्रतिबंध लग चुका है। रघुवीर नगर मामले में डा वालिया ने कहा कि इसकी न्यायिक जांच जिला उपायुक्त करेंगी।
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