लोकसभा चुनाव में नामांकन के लिए जाते वक्त लंबी-चौड़ी कार रैली निकालने की हसरत रखने वाले नेताओं की मुश्किल चुनाव आयोग ने आसान कर दी है। दिल्ली चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों को विशेष छूट देते हुए ऐलान किया है कि वे चुनाव प्रचार के दौरान मनमानी संख्या में कारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। चुनाव आयोग के इस फैसले से बहुत से नेताओं की बांछें खिल गई हैं।
इस बार चुनाव आयोग कार्यालय द्वारा जारी सर्कुलर के माध्यम से सभी अधिकारियों को सूचना दी गई है कि इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए मनचाही संख्या में कारों के इस्तेमाल की छूट रहेगी। इस बार किसी भी प्रत्याशी को चुनाव प्रचार में गाड़ी लगाने के लिए अलग से अनुमति पत्र नहीं लेना होगा। इस बार चुनाव प्रचार में प्रत्याशी चाहें कितनी भी संख्या में गाड़ियों का प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन उन्हें प्रत्येक गाड़ी के बारे में सूचना एवं उसका नंबर क्षेत्र के चुनाव अधिकारी कार्यालय में दर्ज करवाना होगा।
बिना विवरण वाली गाड़ी से प्रचार होने पर संबंधित प्रत्याशी के खिलाफ चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पूर्वी दिल्ली के चुनाव अधिकारी ने बताया कि प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार में लगाई गई गाडि़यों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। यह काम आब्जर्वर टीमें करेंगी। ताकि प्रत्याशियों के चुनाव खर्चे पर नजर रखी जा सके और यह भी पता लगाया जा सके कि प्रत्याशियों द्वारा जमा कराया गया चुनाव खर्च का विवरण सही है या नहीं।
उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी को चुनाव प्रचार में केवल तीन गाडि़यों के इस्तेमाल की स्वतंत्रता थी। विधानसभा चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी को चुनाव प्रचार के लिए पांच गाडि़यों के इस्तेमाल की स्वतंत्रता दी गई थी। संख्या लोकसभा चुनाव में यह संख्या अनलिमिटेड कर दी गई है।
1 comment:
आपने बिलकुल ठीक बात कही अगर हम चुनावी खर्चे पर नज़र डालें तो देश के राज कोष का एक बहुत बड़ा हिस्सा इसमें व्यर्ध होता है जो की किसी की हित मैं नहीं है ...........
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