Sunday, December 6, 2009

पांच साल की बच्ची के खिलाफ वारंट



अदालत में पेश न होने पर लोगों के खिलाफ वारंट जारी करना अदालत की सामान्य प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया आमतौर पर अदालती आदेशों को न मानने वालों के खिलाफ अमल में लाई जाती है। मगर, कड़कड़डूमा कोर्ट ने गवाही के लिए पेश न होने पर पांच साल की बच्ची के खिलाफ भी जमानती वारंट जारी कर दिया है। किसी पांच साल के बच्चे के खिलाफ जमानती वारंट जारी होने का राजधानी में यह पहला मामला है।
यह मामला कड़कड़डूमा कोर्ट स्थित मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट शिवाली शर्मा की अदालत का है। अदालत ने दुष्कर्म के मामले में पीड़िता पांच साल की बच्ची के खिलाफ पांच हजार रुपये के जमानती वारंट जारी किए हैं और अदालती निर्देश जारी किया गया है कि वह 10 दिसंबर तक अदालत के समक्ष पेश हो। अदालत द्वारा जारी किए गए इस सम्मन ने न्यू उस्मानपुर थाना के कर्मचारियों को परेशानी में डाल दिया है।

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