Saturday, July 24, 2010

दोस्ती

मित्र मेरे जीवन की पुस्तक में एक पृष्ठ की तरह हैं,

एक अलग विषय के साथ प्रत्येक पृष्ठ,

लेकिन आप मेरी सूचकांक पृष्ठ रहे हैं,

जो मेरे जीवन के हर विषय को कवर कर रहे हैं.

7 comments:

Apanatva said...

bahut paineelee soch...........

Pawan Kumar Sharma said...

thanx apanarva ji

alka mishra said...

ये लेख [कविता] ,भावना तो बेहद खूबसूरत है लेकिन आपके साथ वाले ब्लॉग में ये कौन सी भाषा है बंधु ,हम जाहिल गंवार लोग ये कैसे पढ़े?

Parul kanani said...

gagar mein sagar..kya baat hai :)

Pramendra Pratap Singh said...

उम्‍दा पवन जी

Pawan Kumar Sharma said...

alka ji sath waaley blog me jo bhasha hai, wo kewal wahi pad sakta hai, jiske liye wo lekh likha gaya hai.........

Pawan Kumar Sharma said...

thanx parul and premendra ji