कही-अनकही
Saturday, April 25, 2009
बोले तो बिंदास...
कैसे कहे हम... प्यार ने हमको क्या क्या खेल दिखाए...
अपुन बोला तू मेरी लैला...वो बोली फेकता है साला...
इन्तहा हो गई इंतज़ार की...
आज मई उपर आसमा नीचे...आज मई आगे जमाना है पीछे...
तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करू की हम तुमसे मोहब्बत करते है...
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